भोपाल: कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी का मध्य प्रदेश के भोपाल दौरे के दौरान दिया गया 'लंगड़ा घोड़ा' बयान विवादों में घिर गया है। इस बयान पर अंतरराष्ट्रीय पैरा स्विमर और पद्मश्री पुरस्कार से सम्मानित सतेंद्र सिंह लोहिया ने कड़ी आपत्ति जताते हुए राहुल गांधी से स्पष्टीकरण की मांग की है। लोहिया ने कहा कि इस तरह के शब्द दिव्यांग समुदाय की भावनाओं को ठेस पहुंचाते हैं और यह उनके आत्मसम्मान पर चोट है।
राहुल गांधी ने मंगलवार को भोपाल में कांग्रेस कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए पार्टी नेताओं को तीन श्रेणियों में बांटा था - 'रेस का घोड़ा', 'बारात का घोड़ा' और 'लंगड़ा घोड़ा'। उन्होंने कहा था, "पहले कांग्रेस रेस के घोड़े को बारात में और बारात के घोड़े को रेस में भेज देती थी। अब ऐसा नहीं होगा। रेस का घोड़ा रेस में जाएगा, बारात का घोड़ा बारात में जाएगा और लंगड़ा घोड़ा घर जाएगा।" इस बयान का मकसद पार्टी में निष्क्रिय नेताओं को हटाने और अनुशासन लागू करने का संदेश देना था। हालांकि, 'लंगड़ा घोड़ा' शब्द के इस्तेमाल ने विवाद को जन्म दे दिया।
पद्मश्री सतेंद्र सिंह लोहिया ने इस बयान पर नाराजगी जाहिर करते हुए कहा, "हम दिव्यांग लोग भी इस देश के नागरिक हैं। हमारा भी आत्मसम्मान है और हम समान अधिकार व सम्मान की अपेक्षा करते हैं। 'लंगड़ा' जैसे शब्द का उपयोग न केवल अपमानजनक है, बल्कि यह दिव्यांग समुदाय की भावनाओं को आहत करता है। राहुल गांधी को इस बयान पर स्पष्टीकरण देना चाहिए।" लोहिया ने यह भी सुझाव दिया कि नेताओं को अपनी भाषा में संवेदनशीलता बरतनी चाहिए, खासकर जब वे समाज के संवेदनशील वर्गों का जिक्र कर रहे हों।
इसके अलावा, केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने भी राहुल गांधी के बयान की आलोचना की है। ग्वालियर में पत्रकारों से बात करते हुए सिंधिया ने कहा, "प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 'विकलांग' शब्द को हटाकर 'दिव्यांगजन' शब्द को अपनाया, जिससे समाज में सकारात्मक सोच और समावेशी भाषा को बढ़ावा मिला। लेकिन राहुल गांधी जैसे नेता ऐसी भाषा का उपयोग करके इस सोच को ठेस पहुंचा रहे हैं।" उन्होंने सवाल उठाया कि क्या 'लंगड़ा घोड़ा' जैसे शब्द दिव्यांगजनों का अपमान नहीं करते।
सोशल मीडिया पर भी इस बयान को लेकर तीखी प्रतिक्रियाएं देखने को मिल रही हैं। राजस्थान में दिव्यांग अधिकार महासंघ (फेडरेशन ऑफ डिसेबल्ड राइट्स) ने मुख्य चुनाव आयुक्त से इसकी शिकायत की है। कई यूजर्स ने राहुल गांधी के बयान को असंवेदनशील बताते हुए उनकी मंशा पर सवाल उठाए हैं। कुछ ने इसे कांग्रेस के भीतर अनुशासन लाने की कोशिश बताया, जबकि अन्य ने इसे दिव्यांग समुदाय के प्रति अपमानजनक करार दिया।
राहुल गांधी के इस बयान ने मध्य प्रदेश कांग्रेस में भी हलचल मचा दी है। कार्यकर्ताओं के बीच यह चर्चा जोरों पर है कि आखिर राहुल का इशारा किन नेताओं की ओर था। कुछ विश्लेषकों का मानना है कि यह बयान वरिष्ठ नेताओं जैसे कमलनाथ और दिग्विजय सिंह पर निशाना हो सकता था, हालांकि राहुल ने किसी का नाम स्पष्ट नहीं किया।
फिलहाल, इस विवाद ने एक बार फिर राहुल गांधी को सुर्खियों में ला दिया है। अब यह देखना होगा कि वे इस बयान पर स्पष्टीकरण देते हैं या नहीं, और कांग्रेस इस मुद्दे को कैसे संभालती है।
0 टिप्पणियाँ