मौ| मध्य प्रदेश के भिंड जिले की ग्राम पंचायत खेरिया जल्लू में शमशान घाट के अभाव में ग्रामीणों को लंबे समय से परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। आज ग्रामीणों ने इस मुद्दे को लेकर तहसीलदार पवन चंदेलिया को एक ज्ञापन सौंपा, जिसमें शमशान घाट के लिए रास्ता, अंतिम संस्कार के लिए चबूतरा, पानी, छांव की व्यवस्था के साथ-साथ मेन रोड से गांव तक आरसीसी सड़क निर्माण और दो नालों के निर्माण की मांग की गई है। ज्ञापन में स्पष्ट रूप से मुख्यमंत्री के सख्त निर्देशों का हवाला देते हुए कहा गया है कि राज्य में कहीं भी शमशान घाट न होने पर तत्काल निर्माण और रास्ते की व्यवस्था की जाए, लेकिन स्थानीय प्रशासन इस पर कोई कार्रवाई नहीं कर रहा।
ज्ञापन में उल्लेख किया गया कि एक साल पहले भी इस मुद्दे को लेकर तहसीलदार के माध्यम से एसडीएम गोहद, जिला पंचायत भिंड और कलेक्टर भिंड को अवगत कराया जा चुका था, लेकिन कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया। ग्रामीणों का आरोप है कि कर्मचारियों के कानों पर जूं तक नहीं रेंग रही, जिससे गांव में मूलभूत सुविधाओं का अभाव बना हुआ है। विशेष रूप से, नालों के निर्माण की मांग में कहा गया है कि एक नाला गुलाब सिंह कुशवाह के मकान से कुशवाह मोहल्ला में बिजली ट्रांसफॉर्मर तक और दूसरा लाखन सिंह कुशवाह के मकान से शिवचरन कुशवाह के मकान तक बने, ताकि ग्रामीणों को आवागमन में असुविधा न हो और कीचड़ से निजात मिल सके।
ज्ञापन सौंपने वालों में गिरीश सिंह, दिल्लीराम कुशवाह, पंचम सिंह, राजेंद्र सिंह, आकाश यादव, रविंद्र सिंह, अजय कुशवाह, अवधेश सिंह, गब्बर सिंह, रामबीर कुशवाह, नरेंद्र कुशवाह सहित अन्य ग्रामीण मौजूद रहे। ग्रामीणों ने बताया कि शमशान घाट के अभाव में अंतिम संस्कार के लिए दूर-दराज जाना पड़ता है, जो परिवारों के लिए भावनात्मक और आर्थिक बोझ बन जाता है। इसके अलावा, गांव में सड़क और नालों की कमी से वर्षा ऋतु में कीचड़ भरी राहें ग्रामीणों की मुश्किलें बढ़ा देती हैं।
यह मुद्दा भिंड जिले के ग्रामीण क्षेत्रों में व्यापक समस्या का प्रतीक है, जहां कई गांवों में आजादी के 75 वर्ष बाद भी बुनियादी सुविधाएं जैसे शमशान घाट और सड़कें उपलब्ध नहीं हैं। एक समान घटना भिंड के ग्राम पंचायत खरिका के नवलपुरा गांव में देखने को मिली थी, जहां 75 वर्षों के इंतजार के बाद ही सड़क निर्माण स्वीकृत हुआ था। वहां भी शमशान घाट के अभाव में खेतों या अन्य गांवों में अंतिम संस्कार करना पड़ता था। खेरिया जल्लू के ग्रामीणों ने चेतावनी दी है कि यदि शीघ्र कार्रवाई न हुई तो वे उच्च अधिकारियों तक अपनी बात पहुंचाएंगे।
प्रशासनिक पक्ष से अभी तक कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली है, लेकिन ग्रामीण उम्मीद कर रहे हैं कि मुख्यमंत्री के आदेशों के अनुपालन में जल्द ही कार्य शुरू हो। यह घटना ग्रामीण विकास में प्रशासनिक लापरवाही को उजागर करती है।
0 टिप्पणियाँ