देवरी कला-:भागवत कथा के तीसरे दिन कथा वाचक ने सुनाएं सती चरित्र रोचक प्रसंग - The Mau Tv News

देवरी कलां:-सुभाष वार्ड देवरी में चल रही भागवत कथा के तृतीय दिवस कथा व्यास सुनील पांडे गोलू महाराज के मुखारविंद से माता सती के चरित्र का वर्णन एवं पार्वती जी के विवाह का वर्णन सुनाया गया।कथा के दौरान सती चरित्र के प्रसंग को सुनाते हुए भगवान शिव की बात को नहीं मानने पर सती के पिता के घर जाने से अपमानित होने के कारण स्वयं को अग्नि में स्वाह होना पड़ा कथा में उत्तानपाद के वंश में ध्रुव चरित्र की कथा को सुनाते हुए समझाया कि ध्रुव की सौतेली मां सुरुचि के द्वारा अपमानित होने पर भी उसकी मां सुनीति ने धैर्य नहीं खोया जिससे एक बहुत बड़ा संकट टल गया। परिवार को बचाए रखने के लिए धैर्य संयम की नितांत आवश्यकता रहती है। भक्त ध्रुव द्वारा तपस्या कर श्रीहरि को प्रसन्न करने की कथा को सुनाते हुए बताया कि भक्ति के लिए कोई उम्र बाधा नहीं है। भक्ति को बचपन में ही करने की प्रेरणा देनी चाहिए क्योंकि बचपन कच्चे मिट्टी की तरह होता है उसे जैसा चाहे वैसा पात्र बनाया जा सकता है। कथा के दौरान उन्होंने बताया कि पाप के बाद कोई व्यक्ति नरकगामी हो, इसके लिए श्रीमद् भागवत में श्रेष्ठ उपाय प्रायश्चित बताया है।ध्रुव के चरित्र वर्णन करते हुए कथा व्यास सुनील पांडे ने कथा के माध्यम से भक्तों को भगवान से ध्रुव की तरह जुड़ने की शिक्षा दी है। इस अवसर पर देवरी क्षेत्र के पूर्व विधायक बृज बिहारी पटेरिया सम्मिलित हुए, एवं कथा का श्रवण किया।भागवत कथा के यजमान अनीता राजोरिया शिक्षक, राजू दीक्षित एवं समस्त दीक्षित परिवार देवरी है
संवाददाता - रामबाबू पटैल ,देवरी कला, जिला सागर
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