देवरीकला-: मध्यप्रदेश के सागर जिले की देवरी तहसील से लगभग 10 किलोमीटर दूर व सागर नरसिंहपुर नेशनल हाईवे पर स्थित ग्राम पंचायत महाराजपुर में एक विशालकाय बरगद का वृक्ष जो लगभग एक ऐकड़ में फैला हुआ है जिसकी लगभग 300 से अधिक शाखाएँ हैं मां चौसठ योगिनी का दिव्य दरबार जहाँ माता अपने भक्तों को चौसठ रूपो में दर्शन देती है पनारी ग्राम मां चौसठ योगिनी का सच्चा दरबार श्रद्धालुओ के लिए आस्था के केंद्र बना हुआ है यहां साल भर में दूरदराज के गांव के अलावा प्रदेश और भारत के कोने-कोने के लोग दर्शन करने के लिए आते हैं मां चौसठ योगिनी का मेला 9 दिन लगा रहता है वरगद वृक्ष के अदभुत दृश्य देखकर यहा के लोग अचंभित रह जाते है तीर्थ स्थल बनाए जाने की मांग की जा रही है यहा नवरात्र के नौ दिन ही भक्तों का आना जाना शुरू हो गया है बरगद के वृक्ष से हजार की संख्या में लटके घंटे मां के प्रति आस्था को व्यक्त करते है मां चौसठ योगिनी के दरबार पहुचने के लिए नेशनल हाइवे 44 पर सागर और नरसिंहपुर मार्ग के बीच पडने वाला महाराजपुर से 2 किलोमीटर दूर रास्त है श्रद्धालु मां से मन्नत मागने के लिए आते है 50 साल के मंदिर के पनारी द्वारका प्रसाद वैध ने बताया कि मां चौसठ योगिनी की महिमा अपरंपार है यहा सागर जिले के अलावा प्रदेश व देश के कोने - कोने से हजारो श्रृदालु मां से मन्नत मांगने आते है जिनकी हर मनोकामनाए मां पूरी करती है कोई भी भक्त मां के दरबार से खाली नही जाता है प्रतिमाएँ बरगद के बड़ते स्वरूप के कारण जड़ो मे जकड़ गई है 1960 में जन सहयोग से प्रतिमाओ की जीण शीण अवस्था से निकाल कर पूज्य स्थापित कराया यह बरगद का वृक्ष सैकड़ो साल पुराना बताया जाता है
संवाददाता - रामबाबू पटैल, जिला सागर (मध्यप्रदेश)
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