माता-पिता की सेवा करें , माता - पिता ही भगवान का स्वरूप होते हैं -: पं. नवीन बिहारी शास्त्री

गौरझामर -:नगर के फूल बाग मैदान में संगीतमय श्री महाशिवपुराण कथा के चलते नवीन बिहारी शास्त्री ने बताया माता-पिता भाग्य वालों को ही मिलते हैं और माता-पिता एक पेड़ की तरह होते हैं और पुत्र टेहनी की तरह होते हैं अगर टेहनी पेड़ से अलग हो जाती है तो पेड़ को कितना दर्द होता है वह तो पेड़ को ही पता होता है और उन्होंने बताया माता-पिता से बच्चे दूर होने के बाद भी चिंता नहीं करते लेकिन माता-पिता को दूर होने के बाद भी बच्चों की चिंता रहती है भगवान हर जगह मिल सकते हैं लेकिन माता-पिता एक ही बार मिलते हैं माता-पिता की सेवा करें माता-पिता ही भगवान का स्वरूप होते हैं और सभी गौरझामर के आसपास के गांव के ग्रामवासी अधिक संख्या में उपस्थित रहे
संवाददाता - रामबाबू पटैल, जिला सागर (मध्यप्रदेश)
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