एक जीवन क्या १००/१०० जीवन गुरुवर तुम्हें समर्पित है



गौरझामर -आचार्यश्री विद्यासागर जी की रविवार को समाधि का समाचार सुन भारतवर्ष का हर एक जीव अपनी अपनी गति में रुक गया था महासंत के इस युग में अवतरण होने से अनेको जीवो को भवसागर से पार हो जाने के मार्ग का रास्ता दिखलाया ,निराश्रित गोवंश को बचाने के लिए दयोदय संघ की कई गौशालाएं चलाई जा रही है, स्वदेशी वस्तु को बढ़ावा अपनाने के लिए हाथकरघा, शांतिधारा, मातृभाषा हेतु भारत को भारत की भाषा में ही शिक्षा प्राप्त हो और भारत ही कहा जाए इसकी प्रेरणा और प्रयासरत हमेशा रहे, गोवंश को संरक्षित करने के लिए गाय को राष्ट्रीयकृत जीव घोषित करने हेतु पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी जी से एवं प्रत्येक केंद्र सरकार में इस बात को निपुड़ता से उठाते रहे जिससे गाय के मांस का निर्यात पूरी तरह से प्रतिबंधित हो जाए और देश की धरोहर गाय का संरक्षण तरीके से हो सके गौमाता को राष्ट्रमाता का दर्जा प्राप्त हो जाए आचार्यश्री का संपूर्ण जीवन और उसके वृतांत संस्मरण उनके अनेक शिष्य लगातार करते आ रहे जिसके चलते भारतीय संस्कृति को पश्चात संस्कृति से कुछ हद तक उन्नति मिल पाई है इस प्रकार की हमारी राष्ट्रीय धरोहर थे आचार्यश्री, जिसके लिए आचार्यश्री को भारत सरकार से समस्त समाज जन एवं साधु साध्वी यह "भारत रत्न" देने का आग्रह कर रहे मुनि श्री सुधा सागर जी ने तो सरकार से बोला कि आप सिर्फ भारत की पहचान एक नए तरीके से किसी दिगंबर साधु को भारत रत्न बनाकर संपूर्ण संसार में नया कीर्तिमान स्थापित कर सकते हैं आज संपूर्ण भारतवर्ष में आचार्य श्री को पूरे संसार से विन्यांजलि अपने अपने माध्यम से प्रत्येक जीव दे रहा है इसी कड़ी में सकल दिगंबर जैन समाज द्वारा मंगलवार आज शांति विधान, पूजा अर्चन के साथ रहली से ब्रह्मचारी भईया रजनीश जी के मार्गदर्शन में विन्यांजलिसभा पूर्ण की जिसमे, गौरझामर समाज द्वारा संचालित, समाज कमेटी के सभी सदस्य, गौशाला कमेटी ,विद्यासागर सेवादल ,बालिका मंडल ,महिला मंडल, पाठशाला परिवार, समर्पित सोशल ग्रुप ,नवयुवक मंडल सभी नगर के मंदिरों की कमेटिया एवं जिला पंचायत  सागर सदस्य वार्ड १२गौरझामर जनकरानी /करनसिंह के प्रतिनिधि  मोती गोड/अखलेश गौरझामर ने की आचार्य श्री विद्यासागर जी को भारत रत्न मिलने की मांग कार्यक्रम में सकल दिगंबर जैन समाज के सभीजन उपस्थित रहे

संवाददाता ललित चढ़ार पत्रकार गौरझामर 
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