पानी बचाया जा सकता है लेकिन बनाया नहीं जा सकता -- जे.के.गुप्ता पानी है जीवन की आस, पानी को बचाने का करो प्रयास -- सुरेश कुमार पालीवाल

दमोह -: आज दिनांक12/02/2024 को अटल भूजल योजना के अंतर्गत ग्राम पंचायत- बोतराई विकास खण्ड-पथरिया, जिला- दमोह (म.प्र.) में वाल्मी (भोपाल) द्वारा एक दिवसीय प्रशिक्षण के "13वां चरण" का आयोजन किया गया। इस प्रशिक्षण का विषय मांग पक्ष प्रबंधन द्वारा पानी की बचत * रखा गया है, जिसमें प्रशिक्षुओं को अटल भूजल योजना के अंतर्गत अभी तक दिए गए प्रशिक्षणों के बारे में अटल भूजल योजना विस्तृत परिचय एवं जल बजट तैयार करना याद दिलाते हुए उपकरणों का उपयोग करना एवं इससे होने वाले फायदे और सम्मिलित विभागों  जैसे कृषि और बागवानी विभाग, मनरेगा, मछली पालन विभाग, वन विभाग और अन्य विभाग की जानकारी दी गई और विभागों में अटल भूजल योजना के अंतर्गत जल आपूर्ति संबंधित कार्य एवं जल सुरक्षा योजना के अंतर्गत कार्य जैसे रिचार्ज पिट, रिचार्ज सॉफ्ट, मेढ़ बंधान, स्प्रिंकलर, ड्रिप पद्धति से सिंचाई आदि संबंधित बिंदुओं पर ट्रेनिंग सुपर वाइजर श्रीमती पूनम गुप्ता के द्वारा जानकारी दी गई। मध्य प्रदेश जल एवं भूमि प्रबंधन संस्थान वाल्मी भोपाल से प्रदेश प्रक्षेत्र परामर्शी जी ने कहा पानी है जीवन की आप पानी को बचाने का करो प्रयास पानी है जीवन के लिए  पानी का उपयोग कंजूसी से करें  एवं वाटर सिक्योरिटी प्लान जल सुरक्षा योजना का नवीनीकरण और साथ ही अपनी पारंपरिक खेती में बदलाव करने के लिए और जिन फसलों पर  ज्यादा पानी खर्च किया जाता है उनको कम पानी खर्च वाली फसलों से बदलने को लेकर चर्चा की प्रशिक्षण में वाल्मी भोपाल से जे.के.गुप्ता जी कहा पानी बचाया जा सकता है लेकिन बनाया नहीं जा सकता दादाजी ने नदी में पानी को देखा पिता जी ने कुएं में हमने नल में देखा बच्चों ने बोतल में अब उनके बच्चे कहां देखेंगे जरूर विचार करें एवं पानी को व्यर्थ न करें डीपीएमयू से आई.ई.सी. एक्सपर्ट विक्रम सिंह ठाकुर जी ने कहा अपने आसपास के प्राकृतिक तथा भौतिक जल स्रोतों के संरक्षण का प्रयास आवश्य करें किसी को भी तालाब, नदी ,पोखर और कुओं का आक्रमण एवं प्रदूषण न करने दे पानी एक सांझी विरासत है हम अन्य ग्रहों पर जीवन की खोज में अन्वेषण कर रहे हैं किंतु क्या यह दुर्भाग्यपूर्ण नहीं है कि जिस धरती पर हमें जीवन मिला है हम उसको जीवन जीने योग्य नहीं रहने दे रहे हैं बढ़ता हुआ प्रदूषण जीवन के लिए खतरा है जल ही जीवन है मध्य प्रदेश जन अभियान परिषद से इंजीनियर हरिचरण जी ने कहा कि जल के बिना जीवन की कल्पना नहीं की जा सकती जीवन के संरक्षण के लिए वायु के बाद जल सबसे महत्वपूर्ण तत्व है धरती जीवन के अस्तित्व को बनाए रखने के लिए जल का संरक्षण और संवर्धन अति आवश्यक है मास्टर ट्रेनर संजय सिंह ने मांग पक्ष एवं इसका प्रबंधन की आवश्यकता तरीके एवं गतिविधियां, मांग पांच प्रबंधन की गतिविधियां विस्तार पूर्वक एवं संबंधित शासकीय योजनाएं कृषि एवं उद्यान की विभाग खेती की बेहतर तकनीकी डीएसआर, जैविक खेती,जीरो टिलेज, खेत का समतलीकरण,पलवार या मल्चिंग, क्रॉप रोटेशन, मोटे अनाज उत्पादन द्वारा पानी की बचत दलहनी और तिलहनी फासले, घरों में पानी की बचत तथा शिक्षा जागरूकता एवं किसान कल्याण तथा कृषि विकास विभाग और और उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण विभाग द्वारा मध्य प्रदेश द्वारा संचालित किसानों के लाभ की योजना प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना, राष्ट्रीय कृषि विकास योजना, एकीकृत बागवानी विकास मिशन, प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना अंतर्गत बलराम तालाब योजना, मिट्टी परीक्षण ,जैविक खेती आदि की जानकारी दी एवं पंचायत प्रस्तावित कार्यों को लेकर जानकारी दी गई  प्रशिक्षुओं को अटल भूजल योजना के अंतर्गत सम्मिलित विभागों कृषि और बागवानी विभाग, मनरेगा, मछली पालन विभाग, वन विभाग और अन्य विभाग की जानकारी दी गई और विभागों में अटल भूजल योजना के अंतर्गत जल आपूर्ति संबंधित कार्य एवं जल सुरक्षा योजना के अंतर्गत कार्य जैसे रिचार्ज पिट, रिचार्ज सॉफ्ट, मेढ़ बंधान, स्प्रिंकलर, ड्रिप पद्धति से सिंचाई  आदि पुणे का चर्चा की साथ ही अपनी पारंपरिक खेती में बदलाव करने के लिए और जिन फसलों पर  ज्यादा पानी खर्च किया जाता है उनको कम पानी खर्च वाली फसलों से बदलने की जरूरत है, और हमें सिंचाई के आधुनिक तरीकों जैसे- स्प्रिंकलर, टपक सिंचाई पद्धति, रेनगन को अपनाना चाहिए और हमें इन सभी तरीकों को गांव के अन्य लोगों को भी बताना चाहिए, जिससे कि हम कम पानी खर्च करते हुए अच्छी फसलों को प्राप्त कर सके व किसानों को नवीन सिंचाई विधि पाइपलाइन, ड्रिप, स्प्रिंकलर,के माध्यम से सिंचाई कर जल बचत करने की जानकारी दी एवं पानी सम्मान है, इसी से समृद्धि और सौंदर्य है और अंततः जीवन भी इसी पर ही निर्भर है इस प्रशिक्षण मे ग्राम के सरपंच, रोजगार सहायक ,सचिव,ग्राम जल स्वच्छता समिति कृषक, मजदूर, किसान, स्वसहायता समूह,वॉलिंटियर, आंगनवाड़ी कार्यकर्ता, आशा , सहायिका ,समाजसेवी  मुख्य रूप से शामिल हुए प्रशिक्षण के अंत में वॉलिंटियर के द्वारा आभार व्यक्त किया गया और लोगों को पानी की बचत और संरक्षण करने के लिए प्रेरित किया गया
संवाददाता - रामबाबू पटैल, जिला, सागर - दमोह (मध्यप्रदेश) 
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