जनता को मास्क पहनने की सजा देने वाली पुलिस ने नेताओं के खिलाफ घूंघट खींचा
दाहेगाम| दाहेगाम में स्थानीय नेताओं ने विधायकों और भाजपा जिला स्तरीय नेताओं को आमंत्रित करते हुए मैराथन दौड़ का आयोजन किया. कार्यक्रम महामारी कोरोना की तीसरी लहर का डर दिखाता है कि सरकार उनके अपने नेताओं को बिना मास्क के फोटो सेशन के लिए अफरा तफरी करते हुए देखा गया, जिस तरह से वे तीसरी लहर को आमंत्रित करना चाहते थे।पूरा कार्यक्रम मैराथन दौड़ के लिए था लेकिन भाजपा नेताओं को मास्क पहनना भी याद नहीं था क्योंकि उन्होंने मास्क नहीं पहना था या मास्क को इस इरादे से नहीं रखा था कि मास्क में फोटो अच्छी न लगे।
पास में मौजूद खाखीधारी भी खादीदारों को सलाम करते थे। ऐसे में अगर लोगों की नाक से मास्क उतर जाता है तो पुलिस 500-1000 रुपये की रसीद लेकर देकर केे जुर्माना वसूलना और सरकारी खजाने में चंदा इकट्ठा करना, यहां की पुलिस ने दुनिया भर में कानून-व्यवस्था को नेताओं की जेब में छोड़ दिया है। बता दें कि मैराथन कार्यक्रम के दौरान नेताओं द्वारा ली गई तस्वीरें सोशल मीडिया पर वायरल हो गई हैं.जिसे देख कर जानता कहती है हम जुर्माना भर-भर कर थक गये है. पर यहाँ इन्हें कोई बोलने वाला हे सही.
देश के 75वें स्वतंत्रता दिवस समारोह के तहत दाहेगाम में मैराथन दौड़ का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में स्थानीय भाजपा नेता और कार्यकर्ता शामिल हुए। जिसमें विधायक, जिला स्तरीय नेताओं को आमंत्रित किया गया था। दौड़ कार्यक्रम में शहर के भाजपा अध्यक्ष, तालुका भाजपा अध्यक्ष के साथ-साथ निर्वाचित प्रतिनिधियों सहित विभिन्न पदाधिकारी भी दौड़ कार्यक्रम में उपस्थित थे। उत्साही नेता अपनी ही सरकार द्वारा जनता के लिए जारी की गई कोरोना गाइडलाइन की धज्जियां उड़ाते नजर आए। सरकारी दिशा-निर्देशों के अनुसार तथा कथित नियम कोरोना से बचने के लिए सामाजिक दूरी बनाए रखना और घर से बाहर निकलते समय मास्क पहनना है। लेकिन यह नियम केवल विपक्षी नेताओं, कार्यकर्ताओं और मतदाताओं पर लागू होता है। दौड़ के दौरान सभी ने मास्क नहीं पहना था। कार्यक्रम में मौजूद महिला कार्यकर्ताओं के साथ-साथ कुछ निर्वाचित प्रतिनिधि ने मास्क के साथ मुलाकात की। मास्क के बिना आये नेताओं का तमाशा सामने आते ही जनता ने हैरानी से कहा, हम सभी हैरान हैं लेकिन यहां लगातार पुलिस की मौजूदगी के बावजूद कोई नेता मास्क पहनकर नहीं आया है, तो क्या यह आजादी के साल का जश्न है या कोरोना मैराथन की आने वाली तीसरी लहर का जश्न है?
*पुलिस की मौजूदगी में कोरोना के नियमौ का उल्लंघन, अब जनता से कैसे मांग सकते हैं जुर्माना*
शहर के एस.टी. पुलिस चौकी से लेकर शहर केे नेहरू चौकड़ी तक भाजपा ने मैराथन दौड़ का आयोजन किया था
रैली के आरंभ और अंत में पुलिस चौकी है। यह वही जगह है जहां लगातार पुलिस की मौजूदगी रहती है और कोरोना के नियम तोड़ने वाले लोगों को रोककर पुलिस द्वारा जुर्माना वसूला जाता है। आज जब मैराथन दौड़ में भाजपा नेताओं ने सरकार द्वारा बनाए गए कोरोना पर खुलेआम नियमों का उल्लंघन किया तो पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की जिसे जनता ने अपने मोबाइल फोन में कैद कर लिया है. जनता अब इस बात का जवाब देने के लिए सबूत जुटा चुकी है कि पुलिस यहां कोरोना नियमों का उल्लंघन करने पर जनता से किस मुह से जुर्माना वसूलती करेगी
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