36 साल उम्र, तीसरी बार सांसद... कौन हैं राम मोहन नायडू, मोदी कैबिनेट में बन सकते हैं सबसे कम उम्र के मंत्री | The State Halchal

PM Modi New Cabinet: सिर्फ 36 साल के राम मोहन नायडू का टीडीपी में कद बेहद बड़ा है. वह आंध्र प्रदेश की श्रीकाकुलम सीट से तीसरी बार सांसद चुनकर आए हैं. अगर मोदी कैबिनेट 3.0 में राम मोहन नायडू को जगह मिलती है, तो वह अब तक के सबसे कम उम्र के कैबिनेट मंत्री होंगे.



नई दिल्‍ली:

PM Modi New Cabinet: मोदी कैबिनेट के संभावित मंत्रियों में सबसे चर्चित नाम इस समय तेलुगु देशम पार्टी (TDP) के सांसद राम मोहन नायडू किंजरापु का है. मोदी कैबिनेट 3.0 में टीडीपी के कोटे से दो सांसद मंत्री बनने की बात सामने आ रही है. सूत्रों की मानें तो राम मोहन नायडू किंजरापु और चंद्रशेखर पेम्मासानी टीडीपी की ओर से मोदी कैबिनेट का हिस्‍सा हो सकते हैं. बीजेपी के बाद टीडीपी की एनडीए में सबसे बड़ी पार्टी है, जिसे 16 सीटें मिली हैं. ऐसे में माना जा रहा है कि टीडीपी के खाते में बड़ा पोर्टफोलियो आ सकता है, जो राम मोहन नायडू को मिलने की उम्‍मीद सबसे ज्‍यादा है.  

पिता की मृत्‍यु के बाद रखा राजनीति में कदम

सिर्फ 36 साल के राम मोहन नायडू का टीडीपी के कद बेहद बड़ा है. वह आंध्र प्रदेश की श्रीकाकुलम सीट से तीसरी बार सांसद चुनकर आए हैं. अगर मोदी कैबिनेट 3.0 में राम मोहन नायडू को जगह मिलती है, तो वह अब तक के सबसे कम उम्र के कैबिनेट मंत्री होंगे. बता दें कि राम मोहन नायडू, चंद्रबाबू नायडू के बेहद करीबी और खास माने जाते हैं. राम मोहन नायडू को राजनीति विरासत में मिली है. उनके पिता येरन नायडू भी टीडीपी के बड़े नेताओं में शुमार रहे हैं. पिता की सड़क दुर्घटना में मृत्‍यु के बाद राम मोहन नायडू ने राजनीति में कदम रखा था.  


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26 साल की उम्र में बन गए सांसद 

अगर पिता की असमय मृत्‍यु न होती, तो शायद राम मोहन नायडू कभी राजनीति में नहीं आते. दरअसल, दिल्‍ली में शुरुआती पढ़ाई करने के बाद वह हायर स्‍टडी के लिए अमेरिका चले गए थे. यहां उन्‍होंने इलेक्ट्रिक इंजीनियरिंग की पढ़ाई की. फिर एमबीए किया और इसके बाद सिंगापुर चले गए. यहां वह अपना करियर बनाने में जुटे ही थे कि सिर से पिता का साया उठ गया. 18 दिसंबर, 1987 को जन्‍मे राम मोहन नायडू तब सिर्फ 24 साल के थे. इसके बाद राम मोहन नायडू ने पिता की विरासत को आगे बढ़ाते हुए 2014 में राजनीति में उतरे और 26 साल की उम्र में श्रीकाकुलम से पहली बार सांसद चुने गए. इसके बाद इन्‍होंने पीछे मुड़कर नहीं देखा.

चंद्रबाबू नायडू का मुश्किल समय में दिया साथ

चंद्रबाबू नायडू की जब गिरफ्तारी हुई, तो उस मुश्किल दौर में राम मोहन नायडू ने दिल्ली में टीडीपी चीफ के बेटे नारा लोकेश के साथ काफी काम किया था. राम मोहन करीब 9 साल से दिल्ली की राजनीति में सक्रिय थे, ऐसे में नारा लोकेश के साथ मिलकर उन्होंने चंद्रबाबू नायडू की गिरफ्तारी के खिलाफ राष्‍ट्रीय स्‍तर पर आवाज उठाई. बता दें कि चंद्रबाबू जब भी दिल्‍ली आते हैं, तो उनके साथ राम मोहन नायडू नजर आते हैं. राम मोहन नायडू को 2020 में संसद रत्न पुरस्कार से सम्मानित किये जा चुके हैं. संसद की कई समितियों के भी वह सदस्य रह चुके हैं.

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