गौरझामर-:नगर में चल रही संगीतमय श्री भागवत कथा पुराण सामूहिक ज्ञान यज्ञ पंडित राजकुमार दुबे शास्त्री के मुखवेंद्र से चौथे दिन की कथा में उन्होंने कहा जो व्यक्ति भक्ति भाव के साथ पूजा अन्य का भोग लगता है उसके घर कभी अन्य की कमी कभी नहीं होती और उन्होंने कहा जीवन में अगर घर पर कोई भी आ जाए तो उसे कभी भूखा नहीं जाना चाहिए यदि चला जाता है तो अपने पुण्य कम हो जाते हैं और उसके पाप अपने घर छोड़ जाता है भिखारी अगर दरवाजे पर आते है तो समझते हैं कि एक समय था कि मैं भी बड़ा आदमी था लेकिन मैंने कभी किसी को दान नहीं किया तो आज हम भिखारी हो गया और उन्होंने कहा इसलिए अगर कोई भिखारी आपके दरवाजे आता है तो उसे कभी खाली हाथ नहीं लौटना चाहिए और उन्होंने कहा भगवान अहंकार और अभिमान और अपने भक्तों का अपमान कभी स्वीकार नहीं करते विपत्ति के समय जैसे हाथी का परिवार उसे छोड़ कर चला जाता है इस प्रकार मनुष्य जीवन जब बुढ़ापे कि ओर जाता है तो कोई साथ देने वाला नहीं होता सब धन माया का खेल होता है भगवान काम क्रोध लालच सब स्वीकार कर लेते हैं अभिमान और अपने भक्तों का अपमान कभी स्वीकार नहीं करते
संवाददाता - रामबाबू पटैल, जिला सागर (मध्यप्रदेश)
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