महाराजपुर-:महाराजपुर नगर में आज महावीर स्वामी की जन्म जयंती पर भव्य शोभायात्रा निकाली गई महावीर जैन धर्म के चौंबीसवें तीर्थंकर है भगवान महावीर का जन्म करीब ढाई हजार साल पहले (ईसा से 599 वर्ष पूर्व) वैशाली के गणतंत्र राज्य क्षत्रिय कुण्डलपुर में हुआ था महावीर को 'वीर' 'अतिवीर' और 'सन्मति' भी कहा जाता है जैन धर्म के 24 वें तीर्थंकर महावीर स्वामी अहिंसा के मूर्तिमान प्रतीक थे उनका जीवन त्याग और तपस्या से ओतप्रोत था उन्होंने एक लँगोटी तक का परिग्रह नहीं रखा हिंसा, पशुबलि, जात-पात का भेद-भाव जिस युग में बढ़ गया उसी युग में भगवान महावीर का जन्म हुआ उन्होंने दुनिया को सत्य, अहिंसा का पाठ पढ़ाया पूरी दुनिया को उपदेश दिए उन्होंने दुनिया को जैन धर्म के पंचशील सिद्धांत बताए, जो है- अहिंसा, सत्य, अपरिग्रह, अचौर्य (अस्तेय) और ब्रह्मचर्य सभी जैन मुनि आर्यिका, श्रावक, श्राविका को इन पंचशील गुणों का पालन करना अनिवार्य है महावीर ने अपने उपदेशों और प्रवचनों के माध्यम से दुनिया को सही राह दिखाई और मार्गदर्शन किया महाराजपुर नगर में महावीर जयंती के शुभ अवसर पर बैंड बाजे के साथ जैन समाज द्वारा श्री जी की नगर में भव्य शोभा यात्रा निकाली गई जगह - जगह पर श्री जी की आरती उतारी गई और एक बड़ा जुलूस निकाला गया सुबह 7 बजे से नगर भ्रमण जुलूस मंदिर से प्रारंभ हुआ जिसमे लोगो ने अपने अपने घरों के आगे रंगोलिया बनाई और दीप प्रज्ज्वलित किए उसके बाद सारे नगर का भ्रमण करते हुए मंदिर के पास जुलूस विराम हुआ उसके बाद मिष्ठान वितरण किया बड़े ही हर्ष उल्लास से महावीर जयंती मनाई गई
संवाददाता - रामबाबू पटैल, जिला सागर (मध्यप्रदेश)
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