MP News : CM Mohan Yadav के काफिले की 19 गाड़ियों में Diesel की जगह पानी, Ratlam में मचा हड़कंप, पेट्रोल पंप सील | The State Halchal News




रतलाम, मध्य प्रदेश: मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के काफिले की 19 गाड़ियों में डीजल की जगह पानी भरने का सनसनीखेज मामला सामने आया है। यह घटना गुरुवार, 26 जून 2025 की रात को रतलाम जिले के ढोसी गांव स्थित भारत पेट्रोलियम के शक्ति फ्यूल्स पेट्रोल पंप पर हुई। इस घटना ने न केवल प्रशासन में हड़कंप मचा दिया, बल्कि ईंधन की गुणवत्ता को लेकर गंभीर सवाल भी खड़े कर दिए।

क्या हुआ?
मुख्यमंत्री मोहन यादव शुक्रवार, 27 जून 2025 को रतलाम में आयोजित 'एमपी राइज 2025' रीजनल इंडस्ट्री, स्किल एंड एम्प्लॉयमेंट कॉन्क्लेव में शामिल होने के लिए इंदौर से रतलाम जा रहे थे। उनके काफिले में शामिल 19 टोयोटा इनोवा गाड़ियां रात करीब 10 बजे ढोसी गांव के पेट्रोल पंप पर डीजल भरवाने रुकीं। डीजल भरवाने के बाद गाड़ियां कुछ दूरी तय करने के बाद एक-एक कर बंद होने लगीं। कई गाड़ियों को चालकों और कर्मचारियों को धक्का देकर सड़क किनारे ले जाना पड़ा। इस घटना का एक वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है, जिसमें गाड़ियों को धक्का लगाते हुए लोग दिखाई दे रहे हैं।

जांच में चौंकाने वाला खुलासा
घटना की सूचना मिलते ही प्रशासनिक अधिकारी तुरंत मौके पर पहुंचे। नायब तहसीलदार आशीष उपाध्याय और खाद्य एवं आपूर्ति अधिकारी आनंद गोरे ने गाड़ियों के टैंकों की जांच की। जांच में पाया गया कि गाड़ियों में भरे गए 20 लीटर डीजल में से लगभग 10 लीटर पानी था। यही स्थिति अन्य गाड़ियों की भी थी। एक ट्रक ड्राइवर, जिसने उसी पेट्रोल पंप से 200 लीटर डीजल भरा था, ने भी यही शिकायत की कि उसका ट्रक कुछ दूरी पर बंद हो गया।

भारत पेट्रोलियम के क्षेत्रीय प्रबंधक श्रीधर ने मौके पर पहुंचकर सफाई दी कि भारी बारिश के कारण पेट्रोल पंप के टैंक में पानी रिसने की संभावना हो सकती है। हालांकि, प्रशासन ने इस दलील को स्वीकार नहीं किया और पेट्रोल पंप को तत्काल प्रभाव से सील कर दिया।

प्रशासन का त्वरित एक्शन
घटना की गंभीरता को देखते हुए प्रशासन ने तुरंत कार्रवाई की। पेट्रोल पंप को सील करने के साथ ही मुख्यमंत्री के काफिले के लिए इंदौर से नई गाड़ियां मंगवाई गईं, ताकि 'एमपी राइज 2025' कॉन्क्लेव में उनकी भागीदारी बाधित न हो। खाद्य विभाग ने डीजल में मिलावट की पुष्टि की और मामले की गहन जांच शुरू कर दी।

सोशल मीडिया पर प्रतिक्रियाएं
यह घटना सोशल मीडिया पर चर्चा का विषय बन गई। कई यूजर्स ने इस घटना पर हैरानी जताई और ईंधन की गुणवत्ता पर सवाल उठाए। एक यूजर, जय प्रकाश ने लिखा, "ये सीएम की गाड़ी है। पब्लिक को जो रोज चूना लगाया जा रहा है, उसके लिए कोई व्यवस्था नहीं है।" वहीं, कुछ लोगों ने इसे प्रशासनिक लापरवाही करार दिया और आम जनता के लिए बेहतर ईंधन गुणवत्ता जांच की मांग की।

प्रशासन के लिए चुनौती
यह घटना न केवल पेट्रोल पंप की लापरवाही को उजागर करती है, बल्कि ईंधन की गुणवत्ता जांचने की प्रक्रिया पर भी सवाल उठाती है। विशेषज्ञों का कहना है कि अगर मुख्यमंत्री के काफिले के साथ ऐसी घटना हो सकती है, तो आम जनता को मिलने वाले ईंधन की गुणवत्ता पर और अधिक ध्यान देने की जरूरत है।

मुख्यमंत्री मोहन यादव ने इस घटना पर अभी तक कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया है, लेकिन उनके काफिले की सुरक्षा और कार्यक्रम की तैयारियों को लेकर प्रशासन पूरी तरह सतर्क है।

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